Full Wave Bridge Rectifier introduction: अगर आप खुद से 6v या 12v बैटरी का चार्जर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक से ज्यादा सर्किट को आपस में कनेक्ट करने की जरूरत पड़ती है। इसमें से सबसे पहला प्रोसेस था, ट्रांसफार्मर की सहायता से हाई वोल्ट (220 वोल्ट) AC करंट को जरुरत के अनुसार (जैसे कि 12 वोल्ट) AC करंट में बदलना।
इसके बाद इस 12 वोल्ट के एसी करंट को DC करंट में बदलने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए हम जिस युक्ति की मदद लेते हैं उसे रेक्टिफायर या रेक्टिफिकेशन युक्ति के नाम से जाना जाता है।
रेक्टिफायर भी बहुत तरह के होते हैं जिनमें से सबसे प्रसिद्ध युक्ति का नाम है Full Wave Bridge Rectifier (फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर)। ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और चार्जर में इसी युक्ति के द्वारा AC करंट को DC करंट में बदला जाता है।
इस पोस्ट में आज हम फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर और इस युक्ति के द्वारा AC को DC में कैसे बदला जाता है इसके बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही कन्वर्ट हुए DC करंट को शुद्ध DC करंट में कैसे बदलें ये भी बताने जा रहे हैं।
- AC और DC करंट में क्या अंतर होता है?
- 12 volt को 5 वोल्ट में कैसे बदलें?
Full Wave Bridge Rectifier क्या होता है?
फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर, AC करंट को DC करंट में बदलने की एक ऐसी युक्ति होती हैं जिसमें एक साथ 4 डायोड का इस्तेमाल किया जाता है। इस युक्ति में एनोड और कैथोड दोनों का ही कनेक्शन डायोड के माध्यम से किया जाता है जिस वजह से आउटपुट में AC की मात्रा मिलने की संभावना न के बराबर बच जाती है।
चूंकि AC करंट बार-बार अपनी दिशा बदलता रहता है इसलिए इस युक्ति में 2 के बजाये 4 डायोड का इस्तेमाल किया जाता है ताकि आउटपुट में हरेक समय निरंतर DC सप्लाई मिलता रहे। इस बात को आप निम्न सर्किट (GIF image) से भी समझ सकते हैं:-
उपर्युक्त GIF इमेज फाइल के माध्यम से आप आसानी से समझ सकते हैं कि कैसे एक फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर AC करंट की दिशा बदलने के बावजूद भी अपना काम निरंतर रूप से करता रहता है।
Full Wave Bridge Rectifier बनाने के लिए जरूरी मैटेरियल्स के लिस्ट
इससे पहले कि हम आपको फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर बनाने के बारे में बताएं, आपको इसके लिए जरूरी मैटेरियल्स के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले आपको निम्न बताये गए मैटेरियल्स इकट्ठे करने होंगे…
1. Diode (डायोड) – 4 यूनिट
AC करंट को DC करंट में बदलने के लिए सबसे जरूरी जो कॉम्पोनेन्ट होता है वो डायोड ही होता है। क्योंकि डायोड ही वो कॉम्पोनेन्ट है जो करंट को सिर्फ एक ही दिशा से प्रवाहित होने देता है और दूसरी दिशा से प्रवाहित होने में रुकावट पैदा करता है।
अगर आप 12 वोल्ट बैटरी का चार्जर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आप आपको 4 इकाई IN5408 डायोड की जरूरत पड़ेगी। ये डायोड उपलब्ध न होने की स्थिति में आप IN4007 डायोड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. Capacitor (कैपेसिटर) – 1 यूनिट
अगर आप 12 volt के बैटरी चार्जर के लिए फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 25 वोल्ट के एक इकाई कैपेसिटर की जरूरत होगी। इस कैपेसिटर की कैपेसिटी लगभग 3300 या 4700 µf (माइक्रो फैरड) होनी चाहिए।
रेक्टिफायर में कैपेसिटर की जरूरत क्यों पड़ती है?
Full Wave Bridge Rectifier के माध्यम से जो DC करंट प्राप्त होता है वो बहुत हद तक उपयोग के लिए उपयुक्त होता है लेकिन वो पूरी तरह से शुद्ध डीसी करंट (डायरेक्ट करंट) नहीं होता है। उसमें थोड़ा-बहुत AC (अल्टरनेटिव करंट) का अंश मौजूद रह ही जाता है।
इसलिए इस DC करंट को फ़िल्टर करके शुद्ध करने के लिए एक कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि कैपेसिटर सिर्फ डीसी करंट को ही पास करता है इसलिए आउटपुट में मौजूद एसी करंट कैपेसिटर के माध्यम से ग्राउंड में जाकर खत्म हो जाता है और फिर हमें लगभग पूरी तरह से शुद्ध डीसी करंट मिल जाता है।
Full wave bridge rectifier कैसे बनाएं? AC to DC converter using 4 units of Diode
अगर आपने ऊपर बताये गए जानकारी को ढंग से समझ लिया है तो अब समय है कि आप फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर बनाना भी सीखें। इसके लिए निम्नलिखित पॉइंट्स को स्टेप-बाय-स्टेप फॉलो करें…
- सबसे पहले ऊपर बताये अनुसार 4 डायोड लें ।
- सभी डायोड के छोर को एक बार ढंग से ब्लेड या रेती से रगड़कर साफ़ कर दें ताकि उसपर ढंग से शोल्डिंग किया जा सके और सर्किट सही से काम कर सके।
- डायोड में एक सिरा (+) और एक सिरा (-) होता है। नेगेटिव (-) वाले सिरे के पास सिल्वर कलर की एक धारी बनी होती है। आप नीचे के चित्र में स्टेप-1 वाले पार्ट को देख सकते हैं।
- अब 2 डायोड लें और इन दोनों ही डायोड के नेगेटिव (-) वाले सिरे को आपस में पिलाश की सहायता से जोड़ दें या सोल्डर कर दें। चित्र के माध्यम से स्टेप-2 को फॉलो करें।
- ठीक ऐसे ही बाकी के 2 डायोड के पॉजिटिव (+) वाले सिरे को आपस में जोड़ दें या सोल्डर कर दें। चित्र के माध्यम से स्टेप-3 को फॉलो करें।- Full Wave Bridge Rectifier
- आपने जो अभी (+) और (-) को आपस में जोड़ा है, आउटपुट DC का कनेक्शन यहीं पर किया जायेगा लेकिन उल्टा कनेक्शन किया जायेगा। इसका मतलब ये हुआ कि डायोड के (-)(-) वाले जॉइंट पर आउटपुट का (+) कनेक्ट होगा और (+) (+) वाले जॉइंट पर आउटपुट का (-) कनेक्ट होगा। चित्र के माध्यम से स्टेप-4 से समझ सकते हैं।
- अभी आपके पास 2-2 डायोड के 2 सेट हैं जिनमें से दोनों में एक सेट में दोनों ओर (+) और एक में दोनों ओर (-) बचे हुए होंगे। इन दोनों को अब आपस में जोड़ दें। अर्थात एक (+) को एक (-) में और दुसरे (+) को दुसरे (-) में। चित्र में स्टेप 5 से समझ सकते हैं।
- अभी जो कनेक्शन आपने किया है उसमें से एक (+)(-) और दूसरा भी (+)(-) बन गया होगा। इसी में ट्रांसफार्मर से निकला AC सप्लाई दिया जायेगा।
- फाइनली, (+)(-) वाला जॉइंट=इनपुट AC, (-)(+) वाला जॉइंट=इनपुट AC, (+)(+) वाला जॉइंट=आउटपुट (-), (-)(-) वाला जॉइंट = आउटपुट (+).
Full Wave Bridge Rectifier में कैपेसिटर का इस्तेमाल
अभी तक के प्रोसेस में आपने जो सर्किट बनाया है उसकी सहायता से आप बैटरी को चार्ज कर सकते हैं। लेकिन जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि ये आउटपुट शुद्ध DC नहीं होता है बल्कि इसमें AC के भी कुछ अंश मौजूद रहते हैं। इसको फ़िल्टर करके शुद्ध डीसी करंट पाने के लिए आपको सर्किट में एक कैपेसिटर का इस्तेमाल करना होगा।
Full wave bridge rectifier सर्किट में कैपेसिटर का इस्तेमाल करने से पूर्व आपको एक कैपेसिटर के बारे में निम्न बातें जरूर मालूम होनी चाहिए…
- कैपेसिटर में 2 सिरे होते हैं जिनमें से एक (+) और एक (-) होता है।
- कैपेसिटर में (-) वाले सिरे की लम्बाई (+) वाले सिरे की लम्बाई के मुकाबले में थोड़ा-सा कम होता है।
- अगर आप सर्किट में कैपेसिटर का कनेक्शन उल्टा कर देंगे तो कैपेसिटर ब्लास्ट हो जायेगा और सर्किट को भी नुकसान पहुँच सकता है।
- कैपेसिटर के (-) वाले सिरे के पास आपको एक पट्टी पर (-)(-)(-) का संकेत बना हुआ दिख जायेगा।
- अलग-अलग सर्किट के लिए अलग-अलग वोल्ट के कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है?
- अलग-अलग सर्किट के लिए अलग-अलग कैपेसिटी (MFD) के कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है।
फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर में कैपेसिटर का कनेक्शन कैसे करें?
कैपेसिटर से सम्बंधित उपर्युक्त बातें जान लेने के बाद अब आप निम्नलिखित बताये गए प्रोसेस को फॉलो करते हुए अपने फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर वाले सर्किट में कैपेसिटर का कनेक्शन कर सकते हैं…
- सबसे पहले अपने कैपेसिटर के (+) और (-) वाले सिरे को अलग-अलग पहचान लें।
- दोनों सिरों को ब्लेड या रेती से रगड़कर सही से साफ कर दें ताकि सोल्डरिंग करने में कोई परेशानी न हो।
- कैपेसिटर के (+) वाले सिरे को रेक्टिफायर के आउटपुट के (+) वाले सिरे पर जोड़ दें। ध्यान रहे कि रेक्टिफायर में (-)(-) वाला जो पॉइंट था वो यहाँ पर आउटपुट के लिए (+) माना जा रहा है।
- कैपेसिटर के (-) वाले सिरे को फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर के आउटपुट के (-) वाले सिरे पर जोड़ दें। ध्यान रहे कि रेक्टिफायर में (+)(+) वाला जो पॉइंट था वो यहाँ पर आउटपुट के लिए (-) माना जा रहा है।
- आप चाहें तो कैपेसिटर के सिरे को डायरेक्ट रेक्टिफायर में डायोड के साथ सोल्डर कर सकते हैं या फिर वायर के माध्यम से भी कनेक्ट कर सकते हैं।
- इस सर्किट को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए आप निम्न इमेज का सहारा ले सकते हैं।
- 12 वोल्ट का चार्जर बनाने के लिए जरूरी कंपोनेंट्स
- क्या मोबाइल चार्जर से 12 वोल्ट बैटरी चार्ज हो जायेगा?
Summary:
AC को DC में बदलकर उसे फ़िल्टर कैसे करें की पूरी जानकारी हिंदी में आपने जान लिया है। इस पोस्ट में आपने जाना कि फुल वेव ब्रिज रेक्टिफायर क्या होता है, एसी करंट को डीसी करंट में कैसे बदलते हैं और कन्वर्ट हुए डीसी को शुद्ध डीसी में कैसे बदलें। अगर आपको इस full wave bridge rectifier बनाने के प्रोसेस को समझने में कहीं कोई प्रॉब्लम हो तो आप कमेन्ट करके हमसे पूछ सकते हैं।
Add a comment