बनावट और कार्यक्षमता के अनुसार इमरजेंसी लाइट बहुत प्रकार का होता है। घरेलू उपयोग में ज्यादातर 2 तरह के इमरजेंसी लाइट का इस्तेमाल ही अधिक तौर पर किया जाता है। एक इमरजेंसी लाइट के अन्दर उसका चार्जिंग किट लगा होता है और उसे चार्ज करने के लिए सिर्फ उसके चार्जिंग केबल को बिजली बोर्ड में लगाना होता है।
लेकिन आजकल एक ऐसे इमरजेंसी लाइट का इस्तेमाल अधिक तौर पर होने लगा है जिसमें चार्जिंग किट नहीं लगा होता है। ऐसे इमरजेंसी लाइट में एक charging jack लगा होता है जिसमें मोबाइल का चार्जर लगाकर उस लाइट को चार्ज किया जाता है।
Mobile charger emergency light की कीमत ज्यादा नहीं होता और ये 100 रूपये तक में ही मिल जाता है। लेकिन यदि कभी ये ख़राब हो जाता है तो इस मोबाइल चार्जर इमरजेंसी लाइट की रिपेयरिंग कराने का मजदूरी चार्ज ही 30 रुपया लग जाता है और खराब सामान का दाम अलग से देना होता है।
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लेकिन यदि आप खुद इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग का काम करते हैं और आपको पता नहीं है कि mobile charger emergency light की रिपेयरिंग और इसका कनेक्शन कैसे किया जाता है तो इस पोस्ट को जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम मोबाइल चार्जर से चार्ज होने वाले इमरजेंसी लाइट को रिपेयर करने की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।
मोबाइल चार्जर इमरजेंसी लाइट सर्किट डायग्राम
मोबाइल चार्जर वाले इमरजेंसी लाइट का कनेक्शन करना बहुत ही आसान है इसलिए रिपेयरिंग के बारे में बताने से पहले हम आपको मोबाइल के चार्जर से चार्ज होने वाले इमरजेंसी लाइट का चार्जर सर्किट डायग्राम दे रहे हैं ताकि आप इसके पूरे वायरिंग कनेक्शन को आसानी से समझ सकें और इसकी रिपेयरिंग करने में आपको सहूलियत हो।
ऊपर mobile charger emergency light circuit wiring diagram बनाने में हमने (+) वाले कनेक्शन तार को लाल रंग और (-) वाले कनेक्शन तार को काला रंग दिया है और निम्नलिखित मटेरियल लिस्ट का उपयोग किया है।
- Battery – बल्ब को पॉवर देने के लिए हमने एक बैटरी लगाया है। आमतौर पर ये बैटरी 4 वोल्ट का होता है।
- Bulb – प्रकाश करने के लिए बल्ब का उपयोग किया गया है।
- Switch – बल्ब को on/off करने के लिए स्विच का इस्तेमाल किया गया है, आमतौर पर मोबाइल चार्जर वाले इमरजेंसी लाइट में rotary switch का इस्तेमाल किया जाता है।
- Charging Jack – मोबाइल चार्जर के चार्जिंग पिन को चार्जिंग जैक की मदद से इमरजेंसी लाइट में कनेक्ट किया जाता है।
- Charging LED – इमरजेंसी लाइट चार्ज होते समय संकेत मिलने के लिए लाल रंग के चार्जिंग एलईडी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- IN4007 Diode – चार्जिंग एलईडी लगाने पर एक IN 4007 डायोड भी लगाया जायेगा।
- Resistence – बल्ब और चार्जिंग एलईडी तक जरूरत के अनुसार कम वैल्यू का वोल्टेज पहुँचाने के लिए एक-एक रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) का इस्तेमाल किया जाता है। बल्ब के लिए 5 ओह्म्स तक का प्रतिरोध और चार्जिंग एलईडी के लिए 1000 ओह्म्स अर्थात 1K वैल्यू का रेजिस्टेंस लगाया जाएगा।
मोबाइल चार्जर वाले इमरजेंसी लाइट की वायरिंग कैसे की जाती है?
ऊपर आपने mobile charger emergency light का सर्किट डायग्राम देख लिया है और आप उसको समझकर भी अपने इमरजेंसी लाइट की वायरिंग कर सकते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जो वायरिंग डायग्राम में बताया नहीं जा सकता। इसलिए बेहतर जानकारी के लिए आगे जरूर पढ़ें।
- सबसे पहले हमने बल्ब, बैटरी, चार्जिंग एलईडी और चार्जर सभी के नेगेटिव सिरा (-) को कॉमन ले लिया है।
- इसके बाद हमने 1 किलो ओह्म्स के एक प्रतिरोध को चार्जिंग एलईडी के (+) के सीरिज क्रम में लगाकर उसका कनेक्शन चार्जिंग जैक के (+) से कर दिया है।
- ऐसा करने से, जब भी मोबाइल चार्जर में सप्लाई देकर उसके चार्जिंग पिन को इस इमरजेंसी लाइट के charging jack में लगाया जायेगा तब इस चार्जिंग एलईडी को सप्लाई मिलने लगेगा और वो जलने लगेगा। इससे आप कन्फर्म हो जायेंगे कि चार्ज हो रहा है या नहीं।
- बैटरी के (-) को तो हमने पहले ही चार्जर के (-) से जोड़ दिया है, इसलिए अब यदि हम बैटरी के (+) को भी चार्जर के (+) से जोड़ देंगे तो ऐसा करने से चार्जिंग एलईडी को हमेशा सप्लाई मिलता रहेगा जिस वजह से चार्ज नहीं होने की स्थिति में भी charging led हमेशा जलता ही रहेगा।
- इसी वजह से इस सर्किट में एक डायोड का इस्तेमाल किया जाता है जो आमतौर पर IN 4007 नंबर का होता है।
- डायोड के (+) का कनेक्शन चार्जिंग जैक के (+) से और, डायोड के (-) का कनेक्शन बैटरी के (+) से कर दिया जाता है।
- अब चूँकि बैटरी का (+) डायोड के (-) से जुड़ा होता है इसलिए बैटरी का करंट डायोड के पार नहीं जाता है जिससे चार्जिंग ऑफ रहने की स्थिति में charging led नहीं जलता है।
- लेकिन चूँकि चार्जर का (+) डायोड के प्लस से ही जुड़ा होता है इसलिए डायोड से पार होकर चार्जर का सप्लाई बैटरी तक पहुँच जाता है और बैटरी सही से चार्ज होता है।
- अभी तक आपने बैटरी और चार्जिंग सर्किट का कनेक्शन पूरा कर लिया है और अब सिर्फ बल्ब और स्विच का कनेक्शन करना ही बाकी रह गया है।
- बल्ब का (-) बैटरी के (-) अर्थात कॉमन वाले पॉइंट से जोड़ा जायेगा।
- बल्ब का (+) स्विच के किसी भी एक पिन से जोड़ दिया जायेगा क्योंकि स्विच में प्लस और माइनस नहीं होता है।
- अब स्विच के बाकी के एक पिन का कनेक्शन बैटरी के (+) अर्थात डायोड के (-) से कर दिया जायेगा।
- यहाँ ध्यान रहे कि बैटरी से सीधे कनेक्शन कर देने पर बल्ब जल भी सकता है इसलिए बल्ब के (+) वाले कनेक्शन सर्किट के बीच कहीं पर भी डायग्राम में दिखाए अनुसार सीरिज क्रम में एक रेजिस्टेंस लगाना अनिवार्य है। ये रेजिस्टेंस कम-से-कम 4.7 ओह्म्स का होना चाहिए।
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