आज के समय में टेक्नोलॉजी इतनी तरक्की कर गयी है कि किसी भी प्रोडक्ट के लॉन्च होने से पहले उसके कॉपी प्रोडक्ट मार्किट में दिखने लग जाते हैं। अगर हम बात करें एक LED Bulb की तो, लगभग 10 वाट का ब्रांडेड LED बल्ब जहाँ मार्केट में लगभग 100 रूपये में मिलते हैं वहीं इसके नकली बल्ब लगभग 20-30 रूपये में मिल जाते हैं।
अगर एक कंज्यूमर के नजरिये की बात करें, तो किसी ग्राहक को लगता है कि सस्ता वाला बल्ब खरीदना सही होता है तो वहीं किसी ग्राहक को लगता है कि ब्रांडेड बल्ब खरीदना बेहतर होता है। लोगों का सिंपल सा नजरिया ये होता है कि सस्ते वाले बल्ब से पैसे बचते हैं और ब्रांडेड बल्ब में वारंटी मिलती है।
लेकिन मेरे हिसाब से सिर्फ यही बातें काफी नहीं हैं कि आप किसी अमुक बल्ब/प्रोडक्ट को खरीदने का विचार बना लें। हमेशा से हम इस बात में भरोसा करते रहे हैं कि हरेक चीज के एक से ज्यादा पहलू होते हैं या कम-से-कम दो पहलू तो अवश्य ही होते हैं, और ठीक यही बातें लागू होती हैं इस मैटर में भी।
इस पोस्ट में आज हम ब्रांडेड एलईडी बल्ब वर्सेस कॉपीड एलईडी बल्ब के बारे में डिस्कस करेंगे और इनसे जुड़े हर पहलुओं को हरेक दृष्टिकोण से समझने का प्रयास करेंगे। इसी प्रयास में सबसे पहले हम ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ब्रांडेड प्रोडक्ट महंगे क्यों होते हैं!!
ब्रांडेड प्रोडक्ट महंगे क्यों होते हैं?
प्रोडक्ट चाहे ब्रांडेड हो या नन-ब्रांडेड या फिर सस्ते वाले, काम तो सभी एक ही जैसे करते हैं तो फिर आखिर इन सभी के कीमतों में इतने भारी अंतर क्यों होते हैं!! नीचे हम कुछ पॉइंट्स बताने जा रहे हैं जिसके बाद आपके मन में पैदा हुए इस तरह के सवालों के जवाब बहुत हद तक जरूर मिल जायेंगे।
1. कंपनी बनाने और ऑफिस चलाने में होने वाले इन्वेस्टमेंट
कोई भी ब्रांडेड कंपनी जो कि अपने प्रोडक्ट्स मार्केट में बेचती है, उस कंपनी का एक प्रॉपर हेड ऑफिस और जरूरत के अनुसार ब्रांच ऑफिस होता है जहाँ पर सम्बंधित बड़े-बड़े फैसले लिए जाते हैं। ऑफिस को बनाने से लेकर हरेक महीने रेंट (किराए) में भारी रकम खर्च होते हैं।
हरेक ऑफिस में बड़े-बड़े एजुकेटेड ऑफिसर्स होते हैं जो अपने सूझ-बूझ से कंपनी को ऊपर ले जाने का प्रयास करते हैं। इन ऑफिसर्स के साथ-ही-साथ कई सारे जूनियर ऑफिसर्स और उनके नीचे कई सारे क्लैरिकल और चपरासी लेवल के कर्मचारी होते हैं जो फाइल्स को बनाने से लेकर उनके रख-रखाव तक का काम देखते हैं। इनमें भी कंपनी की अच्छी-खासी रकम खर्च होते हैं।
साथ ही कंपनी अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन इत्यादि बनाती है और उसको हमेशा अपडेट रखती है जिसके लिए अलग से एक टीम होती है और इसमें भी कुछ खर्चे आते हैं।
2. रिसर्च लैब
कोई भी ब्रांडेड कंपनी जब कोई प्रोडक्ट लॉन्च करती है तो उससे पहले वो उससे सम्बंधित तरह-तरह की रिसर्च करती है जिसके लिए अलग से लैब और इंजिनियर्स होते हैं। इनकी जिम्मेवारी होती है कि ये किसी भी प्रोडक्ट को लॉन्च करने से पहले उसके फ़ॉर्मूले को अच्छी तरह से जांच-परख लें।
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट को लॉन्च करने से पहले ढंग से और छोटे-से-छोटे पहलूओं को ध्यान में रखकर उसके सर्किट को डिजाईन करना ताकि बाद में प्रोडक्ट में कोई खामी न निकले, इसके लिए ब्रांडेड कम्पनी अच्छी-खासी रकम खर्च करती है।
3. फैक्ट्री में होने वाले खर्चे
ब्रांडेड कंपनी किसी भी प्रोडक्ट के ज्यादातर पार्ट्स अपनी देख-रेख में ही बनाना पसंद करती है। इसके लिए उन्हें अलग से फैक्ट्री लगाना होता है। इस फैक्ट्री के लिए इन्हें अलग से इंजिनियर, सुपरवाइजर, मजदूर इत्यादि रखना होता है जिसमें अच्छे-खासे पैसे खर्च होते हैं। इसके साथ ही रॉ मटेरियल की क्वालिटी को चेक करने में भी कंपनी इन्वेस्ट करती है।
4. विज्ञापन में होने वाले खर्चे
लगभग हरेक ब्रांडेड कंपनी अलग-अलग प्लेटफार्म जैसे कि अखबार, टीवी, YouTube इत्यादि पर अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापन करवाती है जिसके लिए उन्हें महंगे सेलेब्रिटी के जरिये भी विज्ञापन करवाना होता है। इसमें अच्छी-खासी रकम खर्च हो जाती है।
5. मार्केटिंग टीम पर होने वाले खर्चे
जब किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन करवाया जाता है तो इससे वो प्रोडक्ट ग्राहकों के बीच तो फेमस हो जाता है लेकिन ग्राहकों को जब तक मार्किट में वो प्रोडक्ट मिलेगा नहीं तब तक वो पर्चेस नहीं कर पायेंगे। ज्यादातर ग्राहक लोकल दुकान पर जाकर ही कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं इसलिए सभी ब्रांडेड कंपनी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करती है कि वो हरेक दुकान तक अपने प्रोडक्ट पंहुचा सके।
इस काम के लिए उन्हें अलग से मार्केटिंग टीम बनानी पड़ती है जिसमें बहुत तरह के जूनियर से लेकर सीनियर डेजिग्नेशन तक के एम्पलॉयी काम करते हैं। सभी ब्रांडेड कंपनी अपने मार्केटिंग टीम पर अच्छी खासी रकम खर्च करती है।
कॉपीड (डुप्लीकेट) LED Bulb सस्ते क्यों होते हैं?
कोई भी कॉपीड प्रोडक्ट ऊपर बताये गए सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखकर बिलकुल भी नहीं बनाये जाते हैं। एक तरफ जहाँ ब्रांडेड LED बल्ब को बनाने में कम्पनी अपने प्रोडक्ट से सम्बंधित हरेक पहलुओं को ध्यान में रखकर और सभी टेस्टिंग प्रक्रिया को फॉलो करते हुए बनाती हैं तो वहीं दूसरी तरफ कॉपी प्रोडक्ट इतनी ही बातों को ध्यान में रखकर बनायी जाती है कि वो प्रोडक्ट बस शुरू के 2-3 दिन तो चल ही जाये।
निम्न वजहों से डुप्लीकेट LED बल्ब सस्ते होते हैं…
- LED बल्ब का सर्किट बहुत ही लो क्वालिटी का होता है।
- सर्किट में कम-से-कम कंपोनेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है, मतलब बहुत ज्यादा कंपोनेंट्स बचा लिया जाता है जिस वजह से बल्ब कुछ ही दिनों बाद ख़राब हो जाता है।
- सर्किट में लो क्वालिटी का या फिर पहले से इस्तेमाल किये हुए कॉम्पोनेन्ट का इस्तेमाल किया जाता है जिस वजह से बहुत ज्यादा खर्चे बच जाते हैं।
- कॉपी LED बल्ब बनाने वाले निर्माता, सर्किट डिजाइनिंग के नाम पर बस इतना ही करते हैं कि बल्ब चालू हो जाये। इसके बाद वो 2 दिन में ही खराब हो जाये इससे उन्हें कोई मतलब नहीं।
- ब्रांडेड कंपनी अपने LED बल्ब की हाइट, गोलाई, चौडाई, वजन सारा कुछ सोच-समझकर डिसाईड करती है। लेकिन कॉपी वाले LED बल्ब में ऐसा बिलकुल नहीं होता। मार्केट में जितने भी तरह के कॉपी एलईडी बल्ब मिलेंगे सारे के आकार आपको लगभग एक जैसे ही देखने को मिलेंगे।
- ब्रांडेड कंपनी अपने LED बल्ब के न सिर्फ सर्किट के क्वालिटी पर ध्यान देते हैं बल्कि उसके कैबिनेट के क्वालिटी को भी हाई क्लास का रखते हैं। जबकि कॉपी वाले LED बल्ब को आप अपने हाथ से दबाकर भी तोड़ सकते हैं।
- लोकल LED बल्ब में कोई गारंटी/वारंटी प्रदान नहीं की जाती है इसलिए निर्माता को क्वालिटी को मेन्टेन रखने का भी प्रेशर नहीं झेलना होता है।
इन कंडीशन में लोकल LED Bulb खरीद सकते हैं
हालांकि ब्रांड वाले एलईडी बल्ब मजबूत और टिकाऊ जरूर होते हैं लेकिन कुछ केस में लोकल बल्ब खरीदना आपके लिए सस्ता और सुविधाजनक हो सकता है। आप निम्न कंडीशन में लोकल बल्ब भी खरीद सकते हैं…
- जिस जगह पर बल्ब चोरी होने की संभावना हो वहां पर लोकल बल्ब लगा सकते हैं।
- जिस जगह पर बल्ब की जरूरत बहुत कम पड़ती हो वहां पर लोकल बल्ब लगा सकते हैं। जैसे कि बाथरूम में आप लोकल बल्ब लगा सकते हैं क्योंकि ये कभी-कभी ही चालू किया जायेगा जिस वजह से ये जल्दी ख़राब नहीं होगा।
- बहुत बार ऐसा होता है कि एक ब्रांडेड बल्ब के खर्चे में 3-4 लोकल बल्ब आ जाते हैं। तो ऐसे कंडीशन में भी आप लोकल बल्ब खरीद सकते हैं क्योंकि कोई-न-कोई बल्ब लम्बे समय तक जरूर चल जायेगा। और कुल मिलाकर लम्बे समय तक चल ही जाता है।
- अगर ख़राब होने पर बार-बार बल्ब को बदलने से आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होती है तो आप लोकल बल्ब खरीद सकते हैं।
डुप्लीकेट LED Bulb का इस्तेमाल करते समय बरतने वाली सावधानियां
अगर आपके इस्तेमाल के हिसाब से डुप्लीकेट एलईडी बल्ब ही आपके लिए सही है तो फिर भी इसका इस्तेमाल करते समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें। हरेक तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते समय आपको इन पॉइंट्स का ध्यान रखना चाहिए…
LED Bulb को जोर से न पकडें
खासकर लोकल बल्ब को इलेक्ट्रिक बोर्ड में लगाते समय इसे जोर से न दबाएँ। ऐसा करने से ये टूट सकता है या इसका ऊपरी ढक्कन (जहाँ से प्रकाश करता है) खुल सकता है जिसकी वजह से आप बिजली के संपर्क में आ सकते हैं।
बल्ब के कनेक्टर पॉइंट को न छुएं
LED Bulb को इलेक्ट्रिक बोर्ड से निकालने के बाद इसके कनेक्टर पॉइंट को बिलकुल भी टच न करें क्योंकि इससे आपको बिजली का झटका लग सकता है। चूंकि सर्किट में इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर करने वाले कंपोनेंट्स लगे होते हैं इसलिए सप्लाई बंद होने के कुछ देर बाद तक भी इससे करंट लग सकता है।
ब्रांडेड बल्ब में तो इस चार्ज को डिस्चार्ज करने वाले कॉम्पोनेन्ट लगे होते हैं लेकिन कुछ डुप्लीकेट बल्ब में खर्चे बचाने के लिए ऐसा कोई कॉम्पोनेन्ट नहीं लगाया जाता है।
LED Bulb के मेटल वाले पार्ट को न छुएँ
किसी भी इलेक्ट्रिक उपकरण में जब सप्लाई दिया हुआ हो तो उसके मेटल वाले पार्ट जिससे कि करंट प्रवाहित हो सकता हो, को छूने से बचना चाहिए। हमने कुछ लोकल LED बल्ब में ऐसा नोटिस किया है कि कनेक्टर पॉइंट पर जो वायर लगा होता है वो लगभग मेटल को छू जाने की स्थिति में होता है। इसलिए जब भी किसी बल्ब को इलेक्ट्रिक बोर्ड में लगाना हो या उससे निकालना हो तो सिर्फ प्लास्टिक वाले पार्ट को ही छुएं।
LED Bulb को इलेक्ट्रिक बोर्ड से अलग करते समय ध्यान रखें
ऐसा बहुत बार नोटिस किया गया है कि जब बल्ब को इलेक्ट्रिक बोर्ड से निकाला जाता है तो बल्ब का वो भाग जो होल्डर में जाकर फिट होता है वो निकालते समय होल्डर में ही फंसा रह जाता है और बाकी के पार्ट्स अलग निकल जाते हैं। कभी-कभी ये समस्या ब्रांडेड बल्ब में भी देखा गया है लेकिन लोकल बल्ब में ये एक सामान्य प्रॉब्लम है।
ऐसे कंडीशन में आपको सावधान रहने की जरूरत है अन्यथा करंट के संपर्क में भी आ सकते हैं। सबसे बेहतर यही होगा कि बल्ब को इलेक्ट्रिक बोर्ड से अलग करते समय सही से उसे निकालने का प्रयत्न करें।
Summary:-
हमने मार्किट में कई बार LED बल्ब खरीदते समय नोटिस किया था कि दुकानदार ब्रांडेड और लोकल दोनों बल्ब का ऑप्शन ग्राहक को दे देते हैं। ऐसे कंडीशन में ग्राहक कुछ देर तक सोचने में लग जाते हैं कि उन्हें कौन-सा LED Bulb खरीदना चाहिए। इसलिए हमने अपने मानसिकता और ज्ञान के आधार पर आपको कुछ बातें सजेस्ट किया है। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप कमेन्ट करके पूछ सकते हैं।
Sukesh says
Nice post
The Real Person!
धन्यवाद जी.