Transformer ki safety: इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग का काम करने वाले हरेक मैकेनिक को ट्रांसफार्मर के बारे मे जरूर पता होगा। बहुत सारे उपकरणों की रिपेयरिंग करने के दौरान पता चलता है कि उसका ट्रांसफार्मर खराब है और फिर रिपेयरिंग करने वाले मैकेनिक उसे बदल देते हैं। आपने भी बहुत बार खराब ट्रांसफार्मर को बदला होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रांसफार्मर खराब क्यों होता है?
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किसी-किसी उपकरण में तो आज ट्रांसफार्मर को बदला जाता है और कल होकर वो जल जाता है। तो क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ट्रांसफार्मर बार-बार जलता क्यों है? क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रांसफार्मर के जलने की वजह क्या होती है? यदि आपने अभी तक इस बारे में नहीं सोचा है तो आज का हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में हम ट्रांसफार्मर के खराब होने की पूरी कहानी और ट्रांसफार्मर की सेफ्टी के बारे में पॉइंट-बाय-पॉइंट हिंदी में बताने जा रहे हैं।
1) ट्रांसफार्मर का जल जाना: ट्रांसफार्मर क्यों जल जाता है?
अधिकांश ट्रांस-फार्मर जलकर ही खराब होता है और जलने के बाद उससे जलने की गंध भी आने लगता है। जले हुए ट्रांसफार्मर की पहचान आसानी से सिर्फ उसे देखकर ही की जा सकती है। इनमें से कुछ तो ऐसे ही समय के साथ कमजोर होकर जल जाता है तो कुछ टेक्नीकल खराबी की वजह से जल जाता है। लेकिन बहुत बार हमारे अपने गलतियों के वजह से भी transformer जल जाता है जिसके बारे में नीचे transformer coil winding सीरीज में बताया जा रहा है।
a) ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल का जलना
ट्रांसफार्मर में डायरेक्ट एसी सप्लाई दिया जाता है और आमतौर पर कोई भी उपकरण 220v ac पर इस्तेमाल करने के अनुसार बनाया जाता है। इसलिए यदि ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल 220V AC से ज्यादा पर इस्तेमाल किया जाये तो वो transformer गर्म होकर जल जायेगा।
b) ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी क्वाइल का जलना
नीचे हम 2 संभावित वजह बता रहे हैं जिसकी वजह से कोई भी ट्रांसफार्मर सेकेंडरी वाइंडिंग के जलने से खराब होता है।
i) वोल्ट ओवरलोड की वजह से सेकेंडरी क्वाइल का जलना
किसी भी ट्रांसफार्मर का आउटपुट वोल्ट और आउटपुट करंट दोनों ही फिक्स होता है। अब मान लेते हैं कि आपके पास 12 वोल्ट में 2 एम्पेयर का एक transformer है। इसमें आप सप्लाई तो 220V ac के अन्दर ही देते हैं लेकिन इसके आउटपुट को आप किसी ऐसे सर्किट के साथ जोड़ देते हैं जिसे 15 वोल्ट और 1 एम्पेयर करंट की जरूरत होती है।
यहाँ चूंकि आप इसमें सप्लाई भी सही दे रहे हैं और 2 एम्पेयर के ट्रांसफार्मर पर लोड भी 1 एम्पेयर का ही दे रहे हैं तो ये तो सही है। लेकिन चूंकि आपका transformer 12 वोल्ट ही आउट करता है लेकिन आपके सर्किट को 15 वोल्ट चाहिए, इसलिए आपका सर्किट इसी ट्रांसफार्मर से 15 वोल्ट लेने की कोशिश करेगा और तब आपका transformer जल जायेगा।
ii) करंट ओवरलोड की वजह से सेकेंडरी क्वाइल का जलना
मान लेते हैं कि आपके पास एक 12 वोल्ट में 2 एम्पेयर का ट्रांसफार्मर है। इसमें आप 220V तक का सप्लाई देते हैं और इसके आउटपुट को आप उस सर्किट में लगा देते हैं जिसे 12 वोल्ट और 3 एम्पेयर करंट की जरूरत होती है। यहाँ चूंकि आप सप्लाई भी सही दे रहे हैं और इस पर लोड भी 12 वोल्ट का ही दे रहे हैं।
लेकिन चूंकि आपका transformer 2 एम्पेयर का ही है और आप इसपर 3 एम्पेयर का लोड दे रहे हैं, इसलिए आपका सर्किट इसी ट्रांसफार्मर से 3 एम्पेयर करंट लेने की कोशिश करेगा जिस वजह से transformer जल जायेगा।
c) ट्रांसफार्मर के क्वाइल के इंसुलेशन का कमजोर हो जाना
हम सभी जानते हैं कि ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल किये जाने वाला क्वाइल बहुत ही पतला होता है लेकिन उस क्वाइल के ऊपर से करंट पास नहीं करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस तरह से हमारे घर के वायरिंग में इस्तेमाल होने वाले तार के ऊपर प्लास्टिक का कवर लगा होता है ठीक उसी तरह से किसी भी क्वाइल में इस्तेमाल होने वाले पतले तार के ऊपर भी एक पतला सा कवर चढ़ा होता है जिसे इंसुलेशन कहा जाता है।
बहुत बार जब कोई ट्रांसफार्मर ज्यादा इस्तेमाल होने की वजह से कमजोर हो जाता है या फिर यदि उसका क्वाइल ही घटिया क्वालिटी का होता है तो उसका इंसुलेशन भी कमजोर होता है। जब ऐसे transformer में सप्लाई दिया जाता है तो क्वाइल के थोड़ा-सा गर्म होते ही वो इंसुलेशन जल जाता है और झड़ जाता है। इसके बाद वो क्वाइल जगह-जगह से नंगा हो जाता है और फिर उसमें शोर्ट सर्किट होने लगता है जिस वजह से ट्रांसफार्मर जल जाता है। ऐसी स्थिति में transformer बेकार हो जाता है और उसे बदलना ही एकमात्र विकल्प होता है।
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2) ट्रांसफार्मर के तार या क्वाइल का टूट जाना
बहुत बार हमारे पास ऐसा ट्रांसफार्मर भी आता है जो जला हुआ नहीं होता है और देखने में भी कहीं से कोई भी खराबी नजर नहीं आता है लेकिन फिर भी वो transformer खराब होता है और काम नहीं करता है। यदि आपके पास भी कभी ऐसा कोई ट्रांसफार्मर आए तो हो सकता है कि उसका क्वाइल ही अन्दर से कहीं टूट गया हो या फिर कनेक्शन के लिए निकला गया इसका तार ही सही से क्वाइल के साथ जोड़ा नहीं गया हो।
यदि ऐसी कोई दिक्कत हो तो इसकी टेस्टिंग क्वाइल के रेजिस्टेंस को चेक करके की जा सकती है। यदि आप transformer को खोलकर टूटे हुए तार या क्वाइल को जोड़ सकते हैं तो ठीक है अन्यथा पूरे ट्रांसफार्मर को ही बदलना पड़ेगा।
3) ट्रांसफार्मर के क्वाइल और कनेक्शन तार के बीच कार्बन बन जाना
कॉपर के क्वाइल वाले ट्रांसफार्मर के साथ ऐसी समस्या नहीं आती है। लेकिन यदि transformer का क्वाइल एल्युमीनियम का हो तो ऐसी समस्या आ सकती है। दरअसल, एल्युमीनियम के तार पर शोल्डिंग तो होता नहीं है, ऊपर से जब बिना शोल्डिंग किए ही इसके क्वाइल के साथ किसी भी तार को लपेटा जाता है तो कुछ समय के इस्तेमाल के बाद ही उस कनेक्शन पॉइंट पर कार्बन बन जाता है।
ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल दोनों के कनेक्शन पॉइंट पर कार्बन बन सकता है। यदि आपसे संभव हो तो आप transformer को खोलकर फिर से इसके तार को सही से जोड़ सकते हैं, अन्यथा आपको इसे बदलना पड़ेगा।
4) ट्रांसफार्मर का शोर्ट हो जाना
बहुत सारे ट्रांसफार्मर का न तो क्वाइल टूटा होता है, न तो वो जलता है और न ही उसमें कहीं कार्बन बनता है, लेकिन फिर भी वो शोर्ट होकर खराब हो सकता है। हालांकि, शोर्ट होने की स्थिति में कोई भी transformer सही से काम कर भी सकता है और काम नहीं भी कर सकता है। इसलिए कोई भी ट्रांसफार्मर नीचे बताये जा रहे कंडीशन में शोर्ट माना जा सकता है।
a) ट्रांसफार्मर से लिमिट से ज्यादा आउटपुट वोल्ट आना
जब किसी भी ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल का इंसुलेशन जल जाता है तो वो जहाँ-तहां से आपस में सटने लगता है। इस स्थिति में क्वाइल का प्रतिरोध कम हो जाता है और वो बिजली की ज्यादा खपत करने लगता है और साथ ही वो हद से ज्यादा आउटपुट सप्लाई भी देने लगता है। इसलिए सही से इनपुट सप्लाई देने के बावजूद भी यदि कभी किसी transformer से ज्यादा आउटपुट सप्लाई मिलने लगे तो इसका मतलब यही होगा कि उसका प्राइमरी क्वाइल खराब हो चुका है। यदि आपके पास ट्रांसफार्मर को रिपेयरिंग करने की सुविधा है तब तो ठीक है नहीं तो ऐसी स्थिति में पूरे transformer को ही बदलना पड़ेगा।
b) ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी क्वाइल से एसी करंट का झटका आना
Safety of transformer in hindi: बहुत बार ऐसा भी होता है कि ट्रांसफार्मर सही से काम करता है लेकिन वो अन्दर से धीरे-धीरे करके जलता जाता है और हमें पता ही नहीं चलता है। इसके साथ ही बहुत सारे ऐसे कारण हो सकते हैं जिस वजह से एक समय ऐसा आता है जब प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल दोनों के ही क्वाइल किसी भी जगह पर आपस में सट जाते हैं।
ऐसा होते ही सेकेंडरी क्वाइल से भी प्राइमरी क्वाइल वाला एसी करंट पास करने लगता है जिस वजह से उससे जुड़ा हुआ सर्किट भी खराब हो जाता है। इसके बाद जब भी आप इसके सेकेंडरी क्वाइल को टच करेंगे तो आपको उससे भी एसी करंट वाला ही झटका लगेगा जो कि खतरनाक भी हो सकता है। इस तरह से शोर्ट हो चुके ट्रांसफार्मर को बदलना ही एकमात्र उपाय होता है।
c) ट्रांसफार्मर के बॉडी या कोर से करंट पास करना
Transformer safety in hindi: ट्रांसफार्मर का जो बॉडी होता है उसे कोर कहा जाता है और ये सुचालक पदार्थ का होता है। इसका काम होता है क्वाइल के गर्मी को अपने अन्दर समा लेना। सामान्य कंडीशन में किसी भी ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल, सेकेंडरी क्वाइल और कोर तीनों का ही आपस में कोई भी इलेक्ट्रिकल कनेक्शन नहीं होता है। लेकिन यदि कभी transformer के कोर पर एसी करंट का तेज झटका आए तो इसका मतलब यही होगा कि कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट हो गए हैं।
यदि कोर पर तगड़ा झटका न आए लेकिन प्राइमरी क्वाइल के साथ मल्टीमीटर से चेक करने पर कोर पर वोल्टेज बताये तो फिर भी कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट माने जायेंगे। साथ ही यदि सेकेंडरी क्वाइल और कोर के साथ भी यदि मल्टीमीटर में वोल्टेज बताए तो उस ट्रांसफार्मर के कोर और सेकेंडरी क्वाइल दोनों आपस में शोर्ट माने जायेंगे।
यदि कभी भी किसी भी transformer के कोर के साथ किसी भी क्वाइल पर मल्टीमीटर से वोल्ट चेक करने पर वोल्टेज बताये तो इसका मतलब यही होगा कि वो ट्रांसफार्मर शोर्ट है और खराब है। हालांकि, इस प्रकार से शोर्ट हो चुका transformer भी सही से काम करता है लेकिन यदि आपका कोई सर्किट या आपका शरीर उसके कोर के संपर्क में आ जाये तो दोनों को नुकसान हो सकता है। इसलिए यदि आप सक्षम हैं तो इसके शोर्टिंग को दूर करने का प्रयत्न कर सकते हैं अन्यथा ट्रांसफार्मर को बदल देना ही एकमात्र उपाय होगा।
5) ट्रांसफार्मर में घटिया क्वालिटी के मटेरियल का इस्तेमाल
किसी भी ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे-से-छोटे मटेरियल के भी बड़े-बड़े काम होते हैं। उदाहरण के लिए एक मटेरियल टिश्यू पेपर को ही ले लीजिये। यदि transformer में इसका इस्तेमाल नहीं किया जायेगा तो प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट हो जायेगा और ट्रांसफार्मर जलकर खराब हो जायेगा।
इसलिए यदि जिस किसी भी transformer का एक भी कॉम्पोनेन्ट घटिया क्वालिटी का होगा उसे खराब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसलिए ट्रांसफार्मर हमेशा अच्छी और ब्रांडेड कंपनी का ही खरीदें और खरीदने से पहले अपने स्तर से अच्छी तरह से जांच कर लें कि उसमें इस्तेमाल किया गया हरेक मटेरियल उच्चतम क्वालिटी का ही है।
नोट:- ऊपर हमने ट्रांसफार्मर जलने के जितने भी वजह के बारे में बताया है वो सभी इलेक्ट्रिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले transformer पर भी लागू होता है और 11000V को 220V में बदलने वाले बिजली के ट्रांसफार्मर पर भी लागू होता है। हालांकि, बिजली ट्रांसफार्मर के जलने के और भी कुछ वजह होते हैं जिनमें से एक वजह है ट्रांसफार्मर का तेल सूख जाना।
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Sukesh says
Anand ji your post is very powerful and good language ke shat hai.
The Real Person!
थैंक्यू सुकेश जी.
Islam says
Transformer ka septy bataye kiya kiya hain
The Real Person!
जी मैं जल्द ही पोस्ट लिखने की कोशिश करूंगा.