इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग का काम करने वाले सभी इलेक्ट्रिकल मैकेनिक को ट्रांसफार्मर के बारे में जरूर पता होगा। सभी जानते होंगे कि ट्रांसफार्मर क्या है और ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत क्या है। यदि आपको ट्रांसफार्मर की जानकारी नहीं है तो आप ट्रांसफार्मर इन हिंदी से सम्बंधित हमारे सारे पोस्ट हिंदी में पढ़ सकते हैं।
यदि आप रिपेयरिंग का काम करते हैं तो बहुत सारे उपकरणों में आपको ट्रांसफार्मर टेस्टिंग करने की जरूरत पड़ती होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एनालॉग मल्टीमीटर या डिजिटल मल्टीमीटर से ट्रांसफार्मर का मल्टीमीटर टेस्ट कैसे किया जाता है? क्या आप जानते हैं कि खराब ट्रांसफार्मर को कैसे चेक किया जाता है?
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यदि आपको transformer टेस्टिंग की जानकारी नहीं है तो हमारा आज का ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम ट्रांसफार्मर मल्टीमीटर टेस्ट करने की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।
ट्रांसफार्मर की चेकिंग कितने प्रकार से की जाती है?
ट्रांसफार्मर की चेकिंग निम्नलिखित 2 प्रकार से की जा सकती है।
1) Transformer voltage testing: वोल्ट मापकर ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
हमने ट्रांसफार्मर क्या है पोस्ट में बताया था कि transformer का काम सिर्फ-और-सिर्फ एसी वोल्टेज को कम या ज्यादा करना होता है। इसका मतलब ये हुआ कि यदि ट्रांसफार्मर सही है तो उसके प्राइमरी क्वाइल में सप्लाई देने के बाद सेकेंडरी कॉयल से आउटपुट भी जरूर मिलना चाहिए। इसलिए यदि ट्रांसफार्मर में इनपुट सप्लाई देने के बाद उसके आउटपुट से सप्लाई न मिले तो वो transformer ख़राब माना जा सकता है। मल्टीमीटर या एसी वोल्टमीटर से ट्रांसफार्मर की वोल्ट टेस्टिंग की जा सकती है।
2) Transformer coil testing: रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
ट्रांसफार्मर वाले पोस्ट में हमने बताया था कि किसी भी ट्रांसफार्मर में सिर्फ क्वाइल ही लगा होता है। और साथ ही किसी भी कॉयल को रेजिस्टेंस मापकर चेक किया जा सकता है। इसलिए जाहिर-सी बात है कि transformer के क्वाइल की बारी-बारी से टेस्टिंग करके पूरे ट्रांसफार्मर की चेकिंग की जा सकती है। डीसी टेस्टर, रेजिस्टेंस मीटर और किसी भी तरह के मल्टीमीटर के द्वारा रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की चेकिंग की जा सकती है। इस विधि में transformer में सप्लाई नहीं दिया जाता है।
ट्रांसफार्मर की चेकिंग करने के लिए किस उपकरण की जरूरत पड़ती है?
यदि आप ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास निम्नलिखित में से कोई एक उपकरण होना जरुरी होगा।
1) Multimeter: मल्टीमीटर से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
रिपेयरिंग के कामों में लगभग सभी इलेक्ट्रिकल सामानों की जांच मल्टीमीटर से ही की जाती है। इसलिए लगभग सभी इलेक्ट्रिकल मैकेनिक ट्रांसफार्मर टेस्टिंग करने के लिए मल्टीमीटर का ही इस्तेमाल करते हैं। मल्टीमीटर से ट्रांसफार्मर को चेक करने को transformer multimeter test कहा जाता है। ट्रांसफार्मर को डिजिटल मल्टीमीटर और एनालॉग मल्टीमीटर दोनों ही प्रकार के मीटर से चेक किया जा सकता है। मल्टीमीटर से वोल्ट और रेजिस्टेंस दोनों ही विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग की जा सकती है।
2) AC Voltmeter: एसी वोल्टमीटर से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
एसी वोल्टमीटर से वोल्ट विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग की जा सकती है। यदि आपके पास मल्टीमीटर नहीं है तो आप वोल्टमीटर से transformer की टेस्टिंग कर सकते हैं। दोनों का परिणाम एक समान होगा।
3) Resistance Meter: रेजिस्टेंस मीटर से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
रेजिस्टेंस मीटर से रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग की जा सकती है। यदि आपके पास मल्टीमीटर न हो तो आप रेजिस्टेंस मीटर से transformer की टेस्टिंग कर सकते हैं। दोनों का परिणाम एक समान होगा।
4) DC tester: डीसी टेस्टर से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग
डीसी टेस्टर एक प्रकार का इलेक्ट्रिक टेस्टर होता है जिसकी सहायता से बिना बिजली प्रवाहित किसी भी सर्किट के किसी ख़ास पॉइंट के बीच के रेजिस्टेंस का अनुमान लगाया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो, डीसी टेस्टर का इस्तेमाल अनुमानित कंटिन्यूटी चेक करने के लिए किया जाता है। डीसी टेस्टर में एक छोटा-सा डीसी एलईडी बल्ब लगा होता है। रेजिस्टेंस चेक करते समय डीसी टेस्टर का एलईडी बल्ब जितना कम प्रकाश में जलेगा रेजिस्टेंस का मान उतना ज्यादा होगा।
चूंकि किसी भी ट्रांसफार्मर में सिर्फ क्वाइल लगा होता है और कॉयल की जांच डीसी टेस्टर के द्वारा आसानी से की जा सकती है। इसलिए किसी भी transformer की टेस्टिंग डीसी टेस्टर से आसानी से की जा सकती है। लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि इस टेस्टर से सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है, ट्रांसफार्मर के ख़राब या सही होने की बात पक्के तौर पर कहीं नहीं जा सकती है। कहने का मतलब ये हुआ कि डीसी टेस्टर से transformer test report सही से नहीं मिलता है।
ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी क्वाइल और प्राइमरी क्वाइल की पहचान कैसे करें?
How to check transformer primary and secondary: किसी भी ट्रांसफार्मर में 2 तरह का कॉयल होता है- प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल। हालांकि अच्छी कंपनी के transformer के दोनों coil से अलग-अलग रंग का तार बाहर निकाला जाता है जिससे दोनों की पहचान आसानी से की जा सकती है। लेकिन बहुत सारे ट्रांसफार्मर में इस प्रकार से कॉयल की पहचान नहीं की जा सकती है।
यदि आपको पता नहीं है कि transformer का कौन-सा coil प्राइमरी है और कौन-सा सेकेंडरी, तो ऐसे में यदि आप इसमें पॉवर सप्लाई दे देंगे तो हो सकता है कि आपने सेकेंडरी कॉयल पर ही सप्लाई दे दिया हो। तो ऐसे में ट्रांसफार्मर जलकर खराब भी हो सकता है। इसलिए नीचे हम कुछ ट्रिक बता रहे हैं जिससे आप आसानी से किसी भी ट्रांसफार्मर के प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाइल की पहचान कर सकेंगे।
- प्राइमरी क्वाइल की अपेक्षा सेकेंडरी कॉयल कम गेज का होता है। इसका मतलब ये हुआ कि प्राइमरी coil, सेकेंडरी कॉयल की अपेक्षा पतला होता है।
- प्राइमरी क्वाइल में सेकेंडरी क्वाइल की अपेक्षा ज्यादा बाइंडिंग की हुई होती है। इसका मतलब ये हुआ कि यदि मल्टीमीटर से transformer के कॉयल का रेजिस्टेंस चेक किया जाए तो सेकेंडरी क्वाइल की तुलना में प्राइमरी कॉयल का प्रतिरोध ज्यादा होगा।
ऊपर बताई गई बातों से स्पष्ट होता है कि…
- ट्रांसफार्मर का जो क्वाइल पतला होगा वो प्राइमरी कॉयल होगा और जो क्वाइल मोटा होगा वो सेकेंडरी क्वाइल होगा।
- जिस क्वाइल के दोनों छोर के बीच का प्रतिरोध ज्यादा होगा वो प्राइमरी कॉयल होगा और जिस क्वाइल के दोनों छोर के बीच का प्रतिरोध कम होगा वो सेकेंडरी कॉयल होगा।
ट्रांसफार्मर किन परिस्थितियों में सही माना जाता है?
कोई भी ट्रांसफार्मर को निम्नलिखित 5 परिस्थितियों में ही सही माना जायेगा। चेकिंग करने के दौरान यदि इनमें से कोई भी टॉपिक गलत हो जाये तो ट्रांसफार्मर खराब माना जायेगा।
- ट्रांसफार्मर का प्राइमरी क्वाइल सही हो।
- ट्रांसफार्मर का सेकेंडरी क्वाइल सही हो।
- प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट न हों।
- कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट न हों।
- कोर और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट न हों।
वोल्ट विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग कैसे करें?
वोल्टेज विधि से ट्रांसफार्मर को चेक करने की विधि के बारे में हम पॉइंट-बाई-पॉइंट नीचे बता रहे हैं। आप एक-एक पॉइंट को गौरपूर्वक पढ़ें और पहले समझ लें इसके बाद टेस्टिंग करें। एक बात का ध्यान रहे कि वोल्ट विधि से transformer की टेस्टिंग करने के लिए पहले उसमें सप्लाई देना होगा। सप्लाई देने के बाद और चेकिंग करने के दौरान आपका शरीर ट्रांसफार्मर और उसके नंगे तार के संपर्क में नहीं आना चाहिए। साथ ही इस पूरे प्रक्रिया के दौरान transformer किसी भी सर्किट के संपर्क में नहीं होना चाहिए।
- सबसे पहले ट्रांसफार्मर को सभी जुड़े हुए सर्किट से अलग कर लें।
- इसके बाद आपको ये पता होना चाहिए कि ट्रांसफार्मर का कौन-सा coil प्राइमरी क्वाइल है और कौन सा क्वाइल सेकेंडरी कॉयल है। यदि आपको ये पता नहीं है तो सबसे पहले ऊपर बताये गए तरीके से इस बात का पता लगा लें। अब मान लेते हैं कि आपको प्राइमरी और सेकेंडरी कॉयल का पता चल गया है।
- इसके बाद आपको ये पता होना चाहिए कि आपका transformer कितने वोल्ट का है। मतलब ये कि वो ट्रांसफार्मर कितना वोल्ट प्रदान करता है। मान लेते हैं कि वो ट्रांसफार्मर 12 वोल्ट का है।
- अब उस ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल वाले तार में 200-220V एसी का सप्लाई दे दीजिये। यदि आप इससे कम वोल्ट का सप्लाई देंगे तो transformer का आउटपुट भी कम वोल्ट का होगा जिससे टेस्टिंग के रिजल्ट पर असर पड़ेगा।
- अब अपने मल्टीमीटर को 200V AC या इससे ज्यादा वोल्ट के रेंज पर लायें। ध्यान रहे कि ट्रांसफार्मर में सिर्फ एसी वोल्ट ही होता है इसलिए यहाँ पर मल्टीमीटर के प्लग में (+) और (-) नहीं होगा। आप मल्टीमीटर के प्लग को उल्टा-सीधा किसी भी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
1) ट्रांसफार्मर के क्वाइल को चेक करना
सबसे पहले ऊपर बताये गए जितना काम कर लें और तब नीचे बताये गए विधि से ट्रांसफार्मर क्वाइल टेस्टिंग करें।
- ट्रांसफार्मर के प्राइमरी coil जिस पर आपने सप्लाई दिया है वहां पर वोल्टेज चेक करके संतुष्ट हो जायें कि ट्रांसफार्मर को सप्लाई मिल रहा है या नहीं। मान लेते हैं कि यहाँ पर सही वोल्टेज बता रहा है तो अब आगे बढें।
- अब सेकेंडरी क्वाइल पर वोल्ट चेक करें।
- चूँकि आपका transformer 12 वोल्ट का है, इसलिए यदि इस coil पर लगभग 12 वोल्ट बताए तो इसका मतलब ट्रांसफार्मर का प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों coil सही है और ट्रांसफार्मर भी सही है।
- यदि सेकेंडरी कॉयल पर 0 वोल्ट बताए तो ट्रांसफार्मर खराब है।
- यदि सेकेंडरी क्वाइल पर 12 वोल्ट से बहुत कम वोल्टेज बताये तो इसका मतलब होगा कि ट्रांसफार्मर के क्वाइल और तार के बीच कार्बन बन गया है। या फिर किसी भी वजह से transformer ओपन हो गया है।
- यदि सेकेंडरी कॉयल पर 12 वोल्ट से बहुत ज्यादा वोल्ट बताये तो इसका मतलब होगा कि ट्रांसफार्मर का प्राइमरी क्वाइल शोर्ट है।
2) ट्रांसफार्मर की शोर्टिंग चेक करना
ऊपर आपने अभी तक सिर्फ ट्रांसफार्मर के coil को चेक किया था। यदि ऊपर बताये गए तक सब कुछ सही है तो आपका transformer सही से काम करेगा। लेकिन अभी प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल के बीच की शोर्टिंग और दोनों coil और कोर के बीच की शॉर्टिंग चेक करनी बाकी है। तो चलिए अब ट्रांसफार्मर शोर्टिंग टेस्ट करते हैं। ध्यान रहे कि इस चेकिंग के दौरान भी ट्रांसफार्मर में सप्लाई दिया होना जरूरी है। और साथ ही मल्टीमीटर भी अधिकतम एसी वोल्ट के रेंज पर होना चाहिए।
a) प्राइमरी कएल और सेकेंडरी कएल के बीच की शोर्टिंग की जांच करना
- मल्टीमीटर के किसी भी एक प्लग को प्राइमरी क्वाइल के किसी भी एक छोर पर सटाएँ और दुसरे प्लग को सेकेंडरी क्वाइल के किसी भी एक छोर पर सटाएँ।
- यदि मल्टीमीटर में पूरी तरह से 0 वोल्ट बताये तो दोनों coil आपस में शोर्ट नहीं होंगे।
- यदि मल्टीमीटर में थोडा-सा भी वोल्ट बताये तो इसका मतलब दोनों क्वाइल आपस में शोर्ट है और उससे जुड़े हुए सर्किट को नुकसान पहुँच सकता है।
b) प्राइमरी क्वाइल और ट्रांसफार्मर के बॉडी/कोर के बीच शोर्टिंग की जांच करना
- मल्टीमीटर के एक प्लग को ट्रांसफार्मर के प्राइमरी क्वाइल के किसी भी एक तार में सटाएँ और दुसरे प्लग को ट्रांसफार्मर के कोर/बॉडी में सटाएँ।
- यदि मल्टीमीटर में थोडा-सा भी वोल्ट न बताये तो इसका मतलब प्राइमरी क्वाइल और कोर आपस में शोर्ट नहीं है।
- यदि मल्टीमीटर में थोडा-सा भी वोल्ट बता दे तो इसका मतलब प्राइमरी क्वाइल और कोर दोनों ही आपस में शोर्ट हैं।
c) कोर और सेकेंडरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग की जांच करना
- मल्टीमीटर के एक प्लग को ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी क्वाइल के किसी भी एक तार में सटाएँ और दुसरे प्लग को कोर में सटाएँ।
- यदि मल्टीमीटर में थोडा सा भी वोल्ट दिखा दे तो इसका मतलब कोर और सेकेंडरी क्वाइल दोनों आपस में शोर्ट हैं।
- यदि मल्टीमीटर में थोडा सा भी वोल्ट न दिखाए तो इसका मतलब कोर और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट नहीं हैं।
रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग कैसे करें?
How to test a transformer with an ohmmeter: ऊपर हमने ट्रांसफार्मर चेक करने का जो ट्रिक बताया था वो वोल्टेज विधि से चेक करने का ट्रिक था। अब हम आपको रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर को चेक करने के बारे में बताने जा रहे हैं। इस ट्रिक से टेस्टिंग करने के दौरान भी आपका transformer किसी भी सर्किट के संपर्क में नहीं होना चाहिए।
साथ ही एक और बात का ध्यान रहे कि रेजिस्टेंस ट्रिक से चेक करने के दौरान ट्रांसफार्मर में सप्लाई नहीं दिया होना चाहिए। रेजिस्टेंस विधि से चेक करने के दौरान आप ट्रांसफार्मर और उसके नंगे तार को छू भी सकते हैं। साथ ही, इस विधि से transformer को चेक करने में भी मल्टीमीटर के लाल और काला प्लग को उल्टा-सीधा किसी भी तरह से लगा सकते हैं।
- सबसे पहले ट्रांसफार्मर को सभी सर्किट से अलग करें।
- प्राइमरी और सेकेंडरी क्वाइल की पहचान कर लें।
- ट्रांसफार्मर में सप्लाई नहीं देना है, बिना सप्लाई दिए ही उसे चेक करना है।
- यदि आपके पास डिजिटल मल्टीमीटर है तो उसे बजर की रेंज पर या 2000Ω की रेंज पर रखें।
- यदि आपके पास एनालॉग मल्टीमीटर है तो उसे रेजिस्टेंस के सबसे छोटे रेंज यानी कि 10K रेंज पर रखें।
1) रेजिस्टेंस चेक करके ट्रांसफार्मर के क्वाइल को चेक करना
- सबसे पहले प्राइमरी क्वाइल के रेजिस्टेंस को चेक करें।
- यदि रेजिस्टेंस 0 के लगभग बताये तो प्राइमरी क्वाइल शोर्ट है।
- यदि रेजिस्टेंस बिलकुल भी न बताये तो प्राइमरी क्वाइल ओपन है और ख़राब है।
- यदि रेजिस्टेंस बहुत ज्यादा बताए तो प्राइमरी क्वाइल पर कार्बन लगा है।
- यदि ट्रांसफार्मर के coil के अनुसार रेजिस्टेंस बता दे तो प्राइमरी क्वाइल सही है।
- सेकेंडरी क्वाइल को भी प्राइमरी क्वाइल जैसे ही चेक कर लें।
- यहाँ ध्यान रहे कि प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी coil दोनों के रेजिस्टेंस एक समान नहीं होते और दोनों में बहुत ही अंतर होता है। अर्थात प्राइमरी क्वाइल का रेजिस्टेंस सेकेंडरी क्वाइल के रेजिस्टेंस की तुलना में ज्यादा होगा।
2) रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की शोर्टिंग चेक करना
ऊपर हमने जो तरीका बताया था उससे सिर्फ transformer का क्वाइल चेक होगा। यदि दोनों coil सही होगा तो ट्रांसफार्मर सही से काम करेगा लेकिन फिर भी हो सकता है कि वो ट्रांसफार्मर शोर्ट हो। तो चलिए रेजिस्टेंस विधि से transformer की शोर्टिंग चेक करने के बारे में जानते हैं।
a) प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग की जांच करना
- मल्टीमीटर का कोई एक प्लग प्राइमरी क्वाइल के किसी भी एक तार पर लगायें और दूसरा प्लग सेकेंडरी क्वाइल के किसी भी एक तार के साथ लगायें।
- यदि कुछ भी रेजिस्टेंस बताये तो इसका मतलब दोनों coil आपस में शोर्ट है।
- यदि बिलकुल भी रेजिस्टेंस न बताये तो इसका मतलब क्वाइल आपस में शोर्ट नहीं है।
b) कोर और प्राइमरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग चेक करना
- मल्टीमीटर का कोई एक प्लग प्राइमरी coil के किसी भी एक तार पर लगायें और दूसरा प्लग कोर के साथ लगायें।
- यदि कुछ भी या थोडा सा भी रेजिस्टेंस बताये तो प्राइमरी क्वाइल और कोर आपस में शोर्ट हैं।
- यदि थोडा सा भी रेजिस्टेंस न बताये तो कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट नहीं हैं।
c) कोर और सेकेंडरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग चेक करना
- मल्टीमीटर का कोई एक प्लग सेकेंडरी क्वाइल के किसी भी एक तार पर लगायें और दूसरा प्लग कोर के साथ लगायें।
- यदि कुछ भी रेजिस्टेंस बताये तो सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट हैं।
- यदि कुछ भी रेजिस्टेंस न बताए तो सेकेंडरी coil और कोर आपस में शोर्ट नहीं हैं।
- रेजिस्टेंस क्या है?
- इलेक्ट्रिक आयरन क्या है?
डीसी टेस्टर से ट्रांसफार्मर टेस्टिंग कैसे करें?
डीसी टेस्टर से रेजिस्टेंस विधि से ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग की जा सकती है। इसके लिए आप नीचे के सभी पॉइंट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
1) डीसी टेस्टर से ट्रांसफार्मर के क्वाइल को चेक करना
- डीसी टेस्टर के दोनों प्लग को प्राइमरी क्वाइल के दोनों तार पर सटायें।
- यदि टेस्टर पूरे प्रकाश के साथ जले तो प्राइमरी क्वाइल शोर्ट है।
- यदि टेस्टर बिलकुल भी न जले तो प्राइमरी क्वाइल ओपन है और खराब है।
- यदि टेस्टर अपने वास्तविक प्रकाश से कम प्रकाश करे तो प्राइमरी क्वाइल सही है।
- सेकेंडरी क्वाइल की चेकिंग भी प्राइमरी क्वाइल के जैसे ही होगी।
2) डीसी टेस्टर से ट्रांसफार्मर की शोर्टिंग चेक करना
ऊपर आपने अभी तक सिर्फ ट्रांसफार्मर के coil को चेक किया है। चलिए अब शोर्टिंग को चेक करने के बारे में जानते हैं।
a) प्राइमरी क्वाइल और सेकेंडरी क्वाइल के बीच की शोर्टिंग चेक करना
- डीसी टेस्टर के एक प्लग को प्राइमरी क्वाइल के किसी भी एक तार से जोड़ दें और दुसरे प्लग को सेकेंडरी क्वाइल के किसी एक तार के साथ जोड़ दें।
- यदि टेस्टर का बल्ब थोडा-सा भी लाइट करे तो दोनों coil आपस में शोर्ट हैं।
- यदि टेस्टर का बल्ब बिलकुल भी न जले तो वो दोनों coil आपस में शोर्ट नहीं हैं।
b) कोर और प्राइमरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग चेक करना
- डीसी टेस्टर के किसी एक प्लग को प्राइमरी क्वाइल और एक प्लग को कोर के साथ लगाएं।
- यदि टेस्टर का बल्ब थोडा-सा भी लाइट करे तो कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट हैं।
- यदि टेस्टर का बल्ब बिलकुल भी लाइट न करे तो कोर और प्राइमरी क्वाइल आपस में शोर्ट नहीं हैं।
c) कोर और सेकेंडरी क्वाइल के बीच शोर्टिंग चेक करना
- डीसी टेस्टर के किसी एक प्लग को सेकेंडरी क्वाइल और एक प्लग को कोर के साथ लगायें।
- यदि टेस्टर का बल्ब थोडा-सा भी लाइट करे तो कोर और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट हैं।
- यदि टेस्टर का बल्ब थोडा-सा भी लाइट न करे तो कोर और सेकेंडरी क्वाइल आपस में शोर्ट नहीं हैं।
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